अगर तुम साथ हो




चाँदनी रोम-रोम को, 
प्रफुल्लित कर जाती है।। 
सुहानी रात की तरुणाई में, 
रवानी भर जाती है।। 
साजन! अगर तुम साथ हो,,,, 



----विचार एवं शब्द-सृजन----
---By---
----पूजा यादव'प्रीत'----
----स्वलिखित एवं मौलिक रचना----


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3 Comments

Varsha_Upadhyay

02-Mar-2024 07:40 PM

Nice

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Mohammed urooj khan

02-Mar-2024 11:44 AM

👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

01-Mar-2024 11:24 PM

बहुत खूब

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